महाकुम्भ: लगाए गए 328 ‘एआई’ कैमरे, बिछड़ने वालों को परिवार से मिलाएंगे

  • तकनीक के माध्यम से विशाल महाकुम्भ मेला क्षेत्र में विशेष इंतजाम किए गए है।
  • इनमें एआई के जरिए बिछड़ों को मिलाना, भाषिणी से भाषाई दिक्कतों का समाधान, कुंभ सहायक और यूपी 112 हेल्पलाइन शामिल है।

नई दिल्ली, दिव्य भव्य महाकुम्भ में परंपरा के साथ आधुनिक तकनीक का संगम भी नजर आ रहा है। दिव्य नगरी प्रयागराज में आने वाले देशी-विदेशी श्रद्धालुओं की सुविधा का खास ख्याल रखा गया है और तकनीक के माध्यम से विशाल महाकुम्भ मेला क्षेत्र में विशेष इंतजाम किए गए है। इनमें एआई के जरिए बिछड़ों को मिलाना, भाषिणी से भाषाई दिक्कतों का समाधान, कुम्भ सहायक और यूपी 112 हेल्पलाइन शामिल है।

महाकुम्भ मेले में कोई अपना बिछड़ गया है तो अब ज्यादा फिक्र की बात नहीं। आप बस खोए हुए व्यक्ति की तस्वीर लेकर किसी भी एक कंप्यूटरीकृत खोया-पाया केंद्र पहुंच जाइए। पूरे मेला क्षेत्र में 328 AI वाले कैमरे लगाए गए हैं। खोए हुए व्यक्ति के बारे में रजिस्ट्रेशन के बाद AI संचालित कैमरे उस व्यक्ति की खोज तुरंत शुरू कर देंगे। फेस रिकग्निशन तकनीक से खोए व्यक्तियों को खोजना आसान हो गया है। पूरे मेला क्षेत्र में 10 डिजिटल खोया-पाया केंद्र स्थापित किए गए हैं।

दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम में ‘डिजिटल खोया और पाया समाधान’ के माध्यम से भाषिणी का भाषा अनुवाद इकोसिस्टम भी श्रद्धालुओं की मदद कर रहा है। भाषिणी का भाषा अनुवाद चैटबॉट को 11 भाषाओं में सपोर्ट करता है, जिसमें हिंदी, अंग्रेजी और 9 अन्य भारतीय भाषाएं शामिल हैं। भक्तों की भाषा सम्बंधी बाधाओं को दूर करने के लिए यूपी 112 हेल्पलाइन ने भाषिणी की कन्वर्ज़ यानी ‘वार्तालाप’ सुविधा को अपनाया है।

उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग ने भाषिणी ऐप के साथ मिलकर फील्ड अधिकारियों को प्रशिक्षित किया है जिससे वो ऐप में मौजूद वार्तालाप सुविधा का उपयोग करके परेशान श्रद्धालुओं की शिकायतों को समझें और उनका समाधान किया जा सके।

एआई-संचालित, बहुभाषी, वॉयस-सक्षम चैटबॉट ‘कुम्भ सहायक’ बगैर बाधा के, वास्तविक समय की जानकारी और नेविगेशन सहायता उपलब्ध करा रहा है। वही अगर किसी पीड़ित को अधिकारी उसके परिवार से नहीं मिलवा पाते हैं तो उन्हें प्रशासन अपने खर्च पर उनके घर पहुंचाता है। इस संबंध में महाकुम्भ अपर मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि मेला क्षेत्र सेक्टरवार चिन्हित करके खोया पाया केंद्र बनाया गया है। जो बिछड़ जाते हैं उनके खाने पीने का इंतजाम, पहनने के लिए गर्म कपड़े दिए जाते हैं।

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