- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी को कच्छ के रण उत्सव में भाग लेने का आमंत्रण दिया।
- 1 नवंबर 2024 से शुरू हुआ ये उत्सव मार्च 2025 तक चलेगा। रण उत्सव में कच्छ की सांस्कृतिक धरोहर का बेहतरीन प्रदर्शन देखने को मिलता है।
नई दिल्ली, गुजरात में बड़े धूमृधाम से रण उत्सव मनाया जा रहा है। ये उत्सव 1 नवम्बर 2024 से मार्च 2025 तक आयोजित किया जाएगा। इस उत्सव को लेकर अब प्रधानमंत्री मोदी ने भी कच्छ के रण उत्सव में सभी को भाग लेने का आमंत्रण दिया है। प्रधानमंत्री ने इस उत्सव को एक अविस्मरणीय अनुभव बताते हुए कहा कि यह कच्छ की परंपरा, संस्कृति और विरासत का अद्वितीय प्रतीक है।
पीएम मोदी ने X पर एक पोस्ट साझा कर कहा
, “कच्छ की परंपरा, संस्कृति और विरासत का प्रतीक रण उत्सव हर किसी का मन मोह लेने वाला है। अद्भुत क्राफ्ट बाजार हो, सांस्कृतिक कार्यक्रम या फिर खान-पान की परंपरा, यहां का हर अनुभव अविस्मरणीय होगा। आप सभी से मेरा आग्रह है कि एक बार अपने परिवार के साथ इस रण उत्सव में जरूर आएं।”
रण उत्सव, कच्छ की सांस्कृतिक जीवंतता को प्रदर्शित करता है। कला, संगीत, स्थानीय शिल्प और कच्छ की सांस्कृतिक धरोहर का संगम इस उत्सव में देखने को मिलता है। यह उत्सव कच्छ की परंपराओं को जीवित करता है और पर्यटकों को आकर्षित करता है।
2005 में तीन दिवसीय उत्सव के रूप में शुरू हुआ रण उत्सव आज बढ़ती लोकप्रियता के कारण 100 दिनों तक चलता है। यह उत्सव धोरडो गांव में कच्छ के सफेद नमक रेगिस्तान के बीच आयोजित होता है, जो पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बन चुका है।
गुजरात का कच्छ रण दुनिया के सबसे बड़े नमक रेगिस्तान के रूप में प्रसिद्ध है। 1 नवम्बर से शुरू होकर मार्च 2025 तक चलने वाला रण उत्सव गुजरात की सांस्कृतिक धरोहर का भव्य उत्सव होगा, जो कच्छ के सफेद रेगिस्तान में मनाया जाएगा।
