इंदौर में मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा झंडा वंदन

  • गणतंत्र दिवस पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का प्रदेश की जनता के नाम संदेश के मुख्य बिंदु

इंदौर 1. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 25 दिसम्बर 2024 को छतरपुर जिले के खजुराहो में देश की पहली नदी जोड़ो परियोजना, केन-बेतवा परियोजना का भूमि-पूजन किया है। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के 100वें जन्म जयंती वर्ष में मध्यप्रदेश को मिली इस सौगात में मध्यप्रदेश के छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह, शिवपुरी, दतिया, रायसेन, विदिशा और सागर जिले शामिल हैं। परियोजना से बुंदेलखंड क्षेत्र के इन जिलों के कुल 8 लाख हेक्टेयर से अधिक और उत्तरप्रदेश के ढाई लाख हेक्टेयर, इस प्रकार कुल साढे़ 10 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में वार्षिक सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी। साथ ही, मध्यप्रदेश की 41 लाख एवं उत्तरप्रदेश की 21 लाख आबादी को पेयजल सुविधा भी प्राप्त होगी।

इसी तरह, मध्यप्रदेश एवं राजस्थान की अन्तराज्यीय राष्ट्रीय परियोजना, पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजना से 11 जिले गुना, शिवपुरी, सीहोर, देवास, राजगढ़, उज्जैन, आगर-मालवा, इंदौर, शाजापुर, मंदसौर एवं मुरैना लाभान्वित होंगे।

2. सरकार द्वारा पाँच वर्ष में युवाओं के लिए 2 लाख 50 हजार सरकारी नौकरियों में भर्ती का लक्ष्य नियत किया गया है।

युवा खिलाड़ियों के लिए प्रदेश के सभी 55 जिलों में खेल स्टेडियम का निर्माण होगा। मध्यप्रदेश के खिलाड़ी अनेक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं में सफलता प्राप्त कर रहे हैं। प्रदेश में 18 खेलों की 11 खेल अकादमियाँ आधुनिक और वैज्ञानिक पद्धति से खिलाड़ियों को प्रशिक्षित कर रही हैं।

3. आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में गरीबों के पक्के घर का सपना प्रधानमंत्री आवास योजना से साकार हो रहा है। योजना में, प्रदेश के 36 लाख ग्रामीण और 8 लाख से अधिक शहरी परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध हो गया है। केंद्र सरकार द्वारा नि:शुल्क राशन वितरण योजना को वर्ष 2028 तक बढ़ा दिया गया है।

4. भारत सरकार द्वारा जनजातीय ग्रामों में शत प्रतिशत सेचुरेशन के लिए धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान प्रारंभ किया गया है।

5. इस अभियान में, मध्यप्रदेश के 51 जिलों के 267 विकासखण्डों के 11 हजार से अधिक ग्रामों में निवासरत 18 लाख 58 हजार जनजातीय परिवारों की 93 लाख 23 हजार आबादी को लाभान्वित किए जाने का लक्ष्य है। अभियान में 18 विभागों अथवा मंत्रालयों की 25 योजनाएँ चिह्नांकित हैं और पाँच वर्ष के लिए कुल वित्तीय प्रावधान 79 हजार करोड़ रुपये का है।

6. पेसा एक्ट से जनजातीय क्षेत्रों में विकास और जनजातियों के हित संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य हो रहा है। मध्यप्रदेश प्राकृतिक कृषि विकास बोर्ड’ का गठन किया गया है। पोर्टल पर प्राकृतिक खेती करने के इच्छुक कुल 72 हजार 967 किसानों ने पंजीयन करवाया है। प्रत्येक पंचायत में पीएम किसान समृद्धि केन्द्र की स्थापना की जाएगी। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में 81 लाख से अधिक किसानों को गत वर्ष 4 हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि का अंतरण किया गया है।

7. शून्य प्रतिशत ब्याज पर अल्पकालीन फसल ऋण के लिए इस वर्ष 600 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है।

8. देश में पहली बार राज्य सरकार ने सोयाबीन का 4 हजार 892 रुपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर उपार्जन करने का निर्णय लिया। लगभग 2 लाख किसानों से प्रदेश में पहली बार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सोयाबीन का उपार्जन कर 3 हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि का भुगतान किया गया।

8. मध्यप्रदेश को कृषि उत्पादन में निरंतर अग्रणी स्थान मिला है। सात बार कृषि कर्मण अवॉर्ड भी प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना अब प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना के नाम से लागू है। कृषकों को सौर ऊर्जा के लाभ से लाभांवित करने के लिए प्रदेश में अस्थाई विद्युत कनेक्शन लेने वाले लगभग सवा लाख किसानों को सौर ऊर्जा के पम्प प्रदाय किये जाएँगे। अगले चार वर्ष में सौर ऊर्जा पम्प प्रदाय कर किसानों को विद्युत आपूर्ति में आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।

9. प्रदेश के सिंचित क्षेत्र का रकबा अगले पाँच वर्ष में 50 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 100 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य है।

10. मध्यप्रदेश में उद्यानिकी फसलों का रकबा 26 लाख हेक्टेयर से अधिक है। संतरा, टमाटर, धनिया, लहसुन और मसाला उत्पादन में मध्यप्रदेश, देश में प्रथम है। प्रदेश में 50 हाईटेक नर्सरी बनाई जा रही हैं। प्रदेश में उद्यानिकी विकास के लिए 3 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए जा रहे हैं। इनमें मुरैना में सब्जी उत्पादन, छिंदवाड़ा में नींबू वर्गीय फसल और हरदा में आम एवं सब्जी उत्पादन के केन्द्र विकसित किए जाएँगे। ग्वालियर में हाईटेक फ्लोरीकल्चर नर्सरी परियोजना स्वीकृत की गई है।

11. दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के बीच एमओयू हुआ है। प्रदेश के समस्त गाँवों के लिए दुग्ध समितियों के गठन का लक्ष्य है। यह समितियाँ 25 लाख लीटर दुग्ध एकत्रीकरण में सक्षम होंगी। मध्यप्रदेश में देश के कुल दुग्ध उत्पादन का 9 प्रतिशत उत्पादन होता है, जिसे बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य है। दुग्ध संकलन 10 लाख 50 हजार किलोग्राम से बढ़ाकर 20 लाख किलोग्राम किया जाएगा। अगले पाँच वर्ष में एक हजार 447 करोड़ रुपये के निवेश से दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के अनेक कार्य होंगे। सरकार का प्रयास मध्यप्रदेश को देश की डेयरी कैपिटल बनाना है।

12. प्रदेश के सभी जिलों में गौ-शालाओं का सुचारु संचालन होगा। पशुपालकों और किसानों को 10 से ज्यादा गाय पालने पर सरकार द्वारा अनुदान देने का विचार है।

13. नारी सशक्तिकरण मिशन का लक्ष्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ उन्हें आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से सशक्त बनाना है। यह मिशन महिलाओं के आर्थिक स्वावलम्बन और समाज में आर्थिक भागीदारी बढ़ाने के एकीकृत प्रयास भी करेगा।

14. मध्यप्रदेश सरकार ने शासकीय सेवाओं में महिलाओं को अब 35 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के क्रियान्वयन में प्रदेश राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी राज्यों में शामिल हैं। योजना के प्रारंभ से अब तक 42 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया है।

15. लाड़ली बहना योजना में सवा करोड़ से अधिक पात्र बहनों को योजना प्रारंभ से लेकर अब तक 30 हजार 765 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का अंतरण किया गया है। रक्षाबंधन पर भेंट स्वरूप बहनों को 250-250 रुपये की अतिरिक्त राशि दी गई।

16. प्रदेश में 89 लाख से अधिक महिलाओं को नि:शुल्क गैस कनेक्शन दिए गए हैं। प्रदेश की लगभग 26 लाख लाड़ली बहनों को 450 रुपये में गैस सिलेंडर की रीफिलिंग के लिए वर्ष 2024 में 715 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का अंतरण किया गया। प्रदेश में एक लाख से अधिक दीदियाँ लखपति बनी हैं।

17 . महिला उद्यमियों के प्रोत्साहन के लिए 850 एमएसएमई इकाइयों को 275 करोड़ रुपये की राशि का अंतरण किया गया।

18. महिला श्रम पर आधारित उद्योगों, विशेष रूप से रेडीमेड गारमेंट इंडस्ट्री में प्रति महिला श्रमिक 5 हजार रुपये के मान से प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया है।

19. प्रदेश सरकार महिला स्व-सहायता समूह को जन-आंदोलन बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। वर्तमान में, 25 लाख महिलाएँ स्व-सहायता समूह से जुड़ी हैं। यह संख्या चार वर्ष में 50 लाख तक बढ़ाई जाएगी।

20. प्रदेश के 313 विकासखंडों में वृंदावन ग्राम योजना में एक-एक ग्राम वृंदावन ग्राम के रूप में विकसित होगा।

21. वर्ष 2025 को उद्योग एवं रोज़गार वर्ष घोषित किया गया है। अब तक उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, सागर, रीवा, नर्मदापुरम और शहडोल में सम्पन्न 6 रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में निवेश के महत्वपूर्ण प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इन संयुक्त प्रयासों से अब तक कुल 4 लाख 17 हजार करोड़ रुपये का निवेश और लगभग 4 लाख से अधिक व्यक्तियों को रोज़गार के अवसर प्राप्त होंगे।

22. भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में नए आईटी पार्क, मुरैना में मेगा लेदर फुटवेयर एंड एसेसरीज क्लस्टर के साथ ही मैहर और मऊगंज में एमएसएमई औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने की पहल हुई है। इंदौर, उज्जैन और रीवा में नए आई टी पार्क स्थापित होंगे।

23. भोपाल में 24-25 फरवरी को होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियाँ प्रारंभ कर दी गई हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले निवेश की एक दर्जन से अधिक नीतियों को निवेश को बढ़ावा देने के क्रम में अंतिम रूप दिया जा रहा है।

24. मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने प्रदेश में ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए मध्यप्रदेश जनविश्वास (उपबंधों का संशोधन) बिल पास कर अधिसूचित किया है। उक्त अधिनियम में 5 विभागों के 8 अधिनियमों के 64 उपबंधों को गैर-अपराधीकरण (डिक्रीमिनलाईज) किया गया है।

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