- बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन के दौरान शेख मुजीबुर्रहमान के घर को आग के हवाले किया गया।
- इस हमले पर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने प्रदर्शनकारियों को नसीहत दी और कहा, “ढांचा मिटाया जा सकता है, लेकिन इतिहास नहीं।“
नई दिल्ली , बांग्लादेश में सत्ता संघर्ष के बीच हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। बुधवार रात ढाका में प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान के घर पर हमला किया। प्रदर्शनकारियों ने घर को न केवल तोड़ा, बल्कि उसमें आग भी लगा दी और बुलडोजर से इसे जमींदोज़ कर दिया।
यह हिंसा शेख मुजीबुर्रहमान के घर के स्मारक संग्रहालय में हुई, जिसे 1975 में उनकी हत्या के बाद बनाया गया था। इस हमले के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने प्रदर्शनकारियों को नसीहत दी और कहा, “ढांचा मिटाया जा सकता है, लेकिन इतिहास नहीं।”
बांग्लादेश में पिछले छह महीनों से सत्ता संघर्ष और हिंसा जारी है, जिसमें कट्टरपंथी समूह बांग्लादेश की पहचान और विरासत को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। इस हिंसा में सुरक्षा बलों की मौजूदगी के बावजूद उन्मादी भीड़ ने शेख मुजीबुर्रहमान के घर को निशाना बनाया।
इसके अलावा, ’24 रिवोल्यूशनरी स्टूडेंट-जनता’ नामक संगठन ने रात 9 बजे बुलडोजर मार्च का ऐलान किया था, जो 8 बजे ही मुजीबुर्रहमान के घर पहुंच गया और तोड़फोड़ शुरू कर दी। शेख हसीना के रिश्तेदारों के घरों पर भी हमला किया गया, और उनकी पार्टी अवामी लीग के नेताओं के घरों को भी निशाना बनाया गया।
