- सोने की चमक ने रचा इतिहास: भारत में गोल्ड की कीमतें एक लाख के करीब
नई दिल्ली: भारत में सोने की कीमतों ने नया इतिहास रच दिया है। हाल के दिनों में गोल्ड की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं और अब यह प्रति 10 ग्राम एक लाख रुपये के करीब पहुंच चुकी हैं। यह उछाल न केवल निवेशकों, बल्कि आम उपभोक्ताओं के लिए भी चर्चा का विषय बन गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें 3,300 डॉलर प्रति औंस के आसपास कारोबार कर रही हैं, जिसने पिछले एक साल में 40% से अधिक रिटर्न दिया है। भारत में आयात शुल्क, कर, और डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी ने भी कीमतों को बढ़ाने में योगदान दिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भू-राजनीतिक तनाव, मुद्रा अस्थिरता, और आर्थिक अनिश्चितता के कारण सोना निवेशकों के लिए सबसे सुरक्षित विकल्प बन गया है। भारत, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोना उपभोक्ता है, में त्योहारी सीजन और शादी-विवाह के मौके पर सोने की मांग और बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि, कीमतों में यह तेजी ज्वैलरी खरीदारों के लिए चिंता का विषय बन सकती है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, भारतीय परिवारों के पास लगभग 24,000 टन सोना है, जो वैश्विक केंद्रीय बैंकों के भंडार के बराबर है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भी अपने गोल्ड रिजर्व को बढ़ा रहा है, जो नवंबर 2024 तक 876.18 टन तक पहुंच गया है। यह आर्थिक स्थिरता को मजबूत करने की दिशा में एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है।
सोने की कीमतों में यह उछाल निवेश के अवसर भी ला रहा है। गोल्ड ETF और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जैसे विकल्प निवेशकों के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं, क्योंकि ये भौतिक सोने की तुलना में अधिक सुविधाजनक और लागत-प्रभावी हैं। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि निवेश से पहले बाजार के रुझानों और शुद्धता की जांच कर लेनी चाहिए।
भारत में सोने की यह चमक न केवल आर्थिक, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व भी रखती है। आने वाले समय में कीमतों का रुख वैश्विक और घरेलू कारकों पर निर्भर करेगा।
