- खड़िया में विस्थापितों के साथ अन्याय: रोजगार के नाम पर दलाली का खेल
सिंगरौली: सिंगरौली के खड़िया-कलिंगा क्षेत्र में उत्तरी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) के खड़िया प्रोजेक्ट में विस्थापितों के साथ भेदभाव और प्रशासनिक लापरवाही का मामला सामने आया है। कलेक्टर की बैठक में विस्थापितों को रोजगार में प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया था, लेकिन एनसीएल के खड़िया जीएम अरुण त्यागी पर इस निर्देश को नजरअंदाज करने का आरोप है। विस्थापितों का कहना है कि लिस्ट के आधार पर भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हो रही, जबकि गैर-विस्थापितों को दलाली के जरिए नौकरियां दी जा रही हैं।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, खड़िया-कलिंगा में मात्र 50-60 विस्थापित परिवार हैं, जिन्हें प्राथमिकता के आधार पर रोजगार मिलना चाहिए। लेकिन दलाल, जिनका इस क्षेत्र में एक इंच जमीन भी नहीं है, विस्थापितों के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे हैं। कई विस्थापित परिवारों ने शिकायत की कि उनके पास दलालों को देने के लिए पैसे नहीं हैं, जिसके चलते उनकी नौकरी नहीं लग रही।
आरोप है कि जीएम अरुण त्यागी के करीबी राय साहब, जिनका ट्रांसफर हो चुका है, अब भी भर्तियों में हस्तक्षेप कर रहे हैं। विस्थापितों को बताया गया कि उनकी भर्ती की जिम्मेदारी अमरेंद्र जी संभालेंगे, लेकिन अमरेंद्र से मुलाकात के बाद विस्थापितों को लगा कि भर्ती प्रक्रिया में पहले ही अनियमितताएं हो चुकी हैं।
विस्थापितों ने सरकार के साथ हुए एग्रीमेंट का हवाला दिया, जिसमें उनकी जमीन पर चल रही कंपनी में उन्हें रोजगार की प्राथमिकता देने की बात कही गई है। इसके बावजूद, प्रशासन और कंपनी की उदासीनता के चलते विस्थापित हाशिए पर हैं। स्थानीय नेता भी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं, जिससे विस्थापितों में आक्रोश बढ़ रहा है।
विस्थापितों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे आंदोलन तेज करेंगे और आगामी चुनाव में दलाली करने वाले नेताओं को सबक सिखाएंगे।
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