लाहौर में जोरदार धमाके: कुख्यात आतंकी रऊफ अजहर मारा गया, ऑपरेशन सिंदूर की बड़ी जीत

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लाहौर, 8 मई 2025: पाकिस्तान के लाहौर में गुरुवार को एक के बाद एक तीन धमाकों ने पूरे शहर को दहला दिया। इन विस्फोटों में भारत का सर्वाधिक वांछित आतंकी और जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख कमांडर अब्दुल रऊफ अजहर मारा गया। भारतीय सेना की सटीक कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की कठोर नीति को फिर से स्थापित किया

रऊफ अजहर 1999 के कंधार विमान अपहरण का मुख्य साजिशकर्ता था और लंबे समय से भारतीय सुरक्षा बलों के निशाने पर था। वह 2001 के संसद हमले और 2016 के पठानकोट हमले में भी शामिल था। सूत्रों के अनुसार, भारतीय सेना ने खुफिया जानकारी के आधार पर लाहौर और पाक अधिकृत कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। इनमें जैश का गढ़ बहावलपुर और लाहौर का मरकज सुभान अल्लाह शामिल थे।

लाहौर के धमाकों ने पाकिस्तानी सेना और उनकी खुफिया एजेंसी की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विस्फोटों के बाद इलाके में भगदड़ मच गई, और सामाजिक माध्यमों पर धमाकों के दृश्य वायरल हो रहे हैं। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि यह कार्रवाई आतंकी ढांचे को खत्म करने के लिए सटीक और संयमित थी।

रऊफ का भाई, मौलाना मसूद अजहर, जो जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक है, भी ऑपरेशन सिंदूर में निशाना बना। कुछ खबरों में दावा किया गया कि मसूद के परिवार के 10 सदस्य और करीबी सहयोगी भी इस कार्रवाई में मारे गए। हालांकि, मसूद की मौत की आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है।

यह कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 के पहलगाम हमले का जवाब मानी जा रही है, जिसमें 26 पर्यटकों की हत्या हुई थी। इस हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट ने ली थी, जिसे लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी माना जाता है।

पाकिस्तान ने इन हमलों की पुष्टि की, लेकिन अपनी जनता को गुमराह करने के लिए भ्रामक प्रचार कर रहा है। उसने दावा किया कि मस्जिद को निशाना बनाया गया, जबकि भारत ने इसे आतंकी प्रशिक्षण केंद्र बताया।

यह ऑपरेशन भारत की सैन्य शक्ति और खुफिया क्षमता का प्रतीक है। रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि यह आतंकियों और उनके समर्थकों के लिए कड़ा संदेश है कि भारत अब सीमा पार छिपने की इजाजत नहीं देगा।

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