- सृजन 2025: भोपाल में विद्यार्थियों के नवाचारों ने जगाई भारतीय ज्ञान की नई उम्मीद
भोपाल, 11 मई 2025: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) एक बार फिर नवाचार और भारतीय ज्ञान परंपरा का केंद्र बन गया। सृजन कार्यक्रम के तहत आयोजित नवाचारी प्रोजेक्ट्स प्रदर्शनी ने न केवल विद्यार्थियों की रचनात्मकता को मंच दिया, बल्कि ग्रामीण भारत की चुनौतियों के समाधान की नई राह भी दिखाई। इस भव्य आयोजन का शुभारंभ उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इन्दर सिंह परमार ने किया, जिनके प्रेरक शब्दों ने उपस्थित युवाओं में जोश भर दिया।
इनोवेट एमपी मिशन के तहत शुरू हुआ सृजन कार्यक्रम शिक्षा और नवाचार के जरिए सामाजिक समस्याओं को हल करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। मंत्री परमार ने कहा, “भारतीय ज्ञान परंपरा को शोध, अनुसंधान और दस्तावेजीकरण के माध्यम से विश्व मंच पर स्थापित करना हमारा लक्ष्य है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 इस दिशा में एक मजबूत आधार प्रदान कर रही है।” उन्होंने प्राचीन भारतीय ज्ञान के उदाहरण देते हुए बताया कि हजारों वर्ष पहले भारत ने इंजीनियरिंग और तकनीकी क्षेत्रों में विश्व को दिशा दिखाई थी।
इस प्रदर्शनी में 1600 से अधिक प्रविष्टियों में से चयनित 150 नवाचारी प्रोजेक्ट्स ने सबका ध्यान खींचा। जल संरक्षण, सतत कृषि, और ग्रामीण विकास जैसे विषयों पर आधारित ये प्रोजेक्ट्स सामाजिक प्रश्नों के प्रति विद्यार्थियों की संवेदनशीलता को दर्शाते हैं। मंत्री ने सृजन स्मारिका का विमोचन किया और विद्यार्थियों के प्रोजेक्ट्स का अवलोकन कर उनकी हौसला-अफजाई की। उन्होंने कहा, “विकसित भारत
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का सपना हमारे युवा ही साकार करेंगे। सृजन उनके नवाचारी विचारों को पंख देने का मंच है।”
तकनीकी शिक्षा सचिव रघुराज राजेन्द्रन ने उद्यमिता को सामाजिक कल्याण का आधार बताया। उन्होंने कहा, “नवाचारी और उद्यमी ही समाज की जटिल चुनौतियों का समाधान निकाल सकते हैं।” आरजीपीवी कुलगुरु डॉ. राजीव त्रिपाठी ने रचनात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए कहा, “सृजन विद्यार्थियों को समस्याओं के प्रति संवेदनशील बनाएगा और उनकी रचनात्मकता को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।”
कार्यक्रम में एनआईटीटीटीआर भोपाल के निदेशक डॉ. चंद्रचारु त्रिपाठी, एसजीएसआईटीएस इंदौर के निदेशक प्रो. नीतेश पुरोहित, और अन्य विद्वतजन उपस्थित रहे। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर 11 मई को इस आयोजन का समापन होगा, जो मध्य प्रदेश को नवाचार और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सृजन कार्यक्रम न केवल विद्यार्थियों के नवाचारी विचारों को तकनीकी सहयोग और आर्थिक सहयोग प्रदान करेगा, बल्कि उनके शोध को दस्तावेजीकरण के जरिए वैश्विक स्तर पर पहचान भी दिलाएगा। यह आयोजन मध्य प्रदेश को विकसित भारत की दौड़ में सबसे आगे ले जाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
