मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने रद्द कीं सभी रैलियां, सात जिलों में होने वाले आयोजन स्थगित, वरिष्ठ नेताओं के दौरे भी रद्द

  • मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने रद्द कीं सभी रैलियां, सात जिलों में होने वाले आयोजन स्थगित, वरिष्ठ नेताओं के दौरे भी रद्द

इंटेलिजेंट गुरु न्यूज़ डेस्क, भोपाल, 9 मई 2025:  मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए अपनी सभी प्रस्तावित रैलियों को स्थगित कर दिया। आज यानी 9 मई को सात जिलों में होने वाले आयोजनों को रद्द करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के नियोजित दौरे भी निरस्त कर दिए गए हैं। यह जानकारी प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के सूत्रों ने साझा की है। इस फैसले के पीछे रणनीतिक और संगठनात्मक कारण बताए जा रहे हैं, हालांकि आधिकारिक तौर पर कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है।

कांग्रेस की ये रैलियां मध्य प्रदेश के सात जिलों—भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, सागर और रीवा में आयोजित होने वाली थीं। इन आयोजनों का उद्देश्य पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरना और जनता के बीच अपनी नीतियों को प्रचारित करना था। बताया जा रहा है कि इन रैलियों में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कमलनाथ जैसे दिग्गज नेताओं के शामिल होने की योजना थी। लेकिन अचानक लिए गए इस फैसले से पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों में असमंजस की स्थिति बन गई है।

सूत्रों के अनुसार, यह निर्णय पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर लिया गया है। माना जा रहा है कि मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य और संगठनात्मक पुनर्गठन की प्रक्रिया इस फैसले के प्रमुख कारण हो सकते हैं। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि मध्य प्रदेश में हाल के दिनों में बढ़ती राजनीतिक गतिविधियों और भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच कांग्रेस अपनी रणनीति में बदलाव कर रही है। हाल ही में, 7 मई को मध्य प्रदेश के पांच जिलों में सिविल डिफेंस ड्रिल आयोजित की गई थी, जिसे लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी। ऐसे में कांग्रेस का यह कदम रणनीतिक रूप से सोचा-समझा माना जा रहा है।

कांग्रेस की ओर से अभी तक इस स्थगन पर कोई विस्तृत बयान जारी नहीं किया गया है। हालांकि, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने हाल ही में विभिन्न मुद्दों पर राज्य सरकार की आलोचना की थी, जिसमें पुलिस को सांसदों और विधायकों को सलाम करने का आदेश और बेरोजगारी जैसे विषय शामिल हैं। इस बीच, कार्यकर्ताओं का कहना है कि रैलियों के स्थगन से संगठन की गति पर असर पड़ सकता है।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस इस समय संगठन को मजबूत करने और जनता के बीच अपनी उपस्थिति बढ़ाने की कोशिश में है। लेकिन इस तरह के अचानक फैसले से पार्टी की रणनीति पर सवाल उठ रहे हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस अपनी रणनीति को कैसे आगे बढ़ाती है।

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