- भाजपा हमेशा से दलितों, आदिवासियों पर अत्याचार कर रही है: दिग्विजय सिंह
- भारतीय जनता पार्टी दलित विरोधी है,
अंबेडकर विरोधी है, संविधान विरोधी है: जीतू पटवारी
भोपाल. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर पर की गई अपमानजनक टिप्पणी के विरोध में कांग्रेस ने आज प्रदेश भर में अंबेडकर सम्मान मार्च निकाला गया। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, सीडब्लूसी मेंबर कमलेश्वर पटेल, अन्य वरिष्ठ नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में राजधानी भोपाल में अंबेडकर सम्मान मार्च लिली टॉकीज चौराहा से जहांगीराबाद जिंसी चौराहा तक पैदल मार्च निकाला गया।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सासंद दिग्विजय सिंह ने कहा कि भाजपा हमेशा से दलितों, आदिवासियों, गरीब और मध्यमवर्ग विरोधी रही है। आरक्षण जैसे मुद्दों पर बात करने के बजाय जनता को भ्रमित कर ध्यान बांटने का काम केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकारें कर रही हैं। बाबा साहेब के बनाये गये संविधान के साथ छेड़छाड़ कर देश की जनता को गुमराह किया जा रहा है। बाबा साहेब का अपमान करने वालों के खिलाफ कठोर कार्यवाही होना चाहिए। अमित शाह ने लोकसभा में बाबा साहेब का अपमान कर देश के सर्वहारा वर्ग का अपमान किया है, उसके लिए देश की जनता से उन्हें माफी मांगना चाहिए।
पटवारी ने कहा कि आरएसएस ने 50 साल तक अपने मुख्यालय पर झंडा नहीं लगाया, यह उसकी किस सोच को प्रदर्शित करता है। आरएसएस के सरसंघचालकों ने संविधान को लेकर बार-बार प्रश्न उठाए, भारतीय जनता पार्टी के लोगों द्वारा बाबा साहब अंबेडकर की मूर्तियों, प्रतिमाओं को तोड़ों जाने की घटनाएं सामने आयी, जिसमें उसके कार्यकर्ता की भूमिका सामने आयी, इन सब दृष्टिकोणों की यदि तुलना की जाये तो यही सामने आता है कि मूल रूप से भारतीय जनता पार्टी दलित विरोधी है, अंबेडकर विरोधी है, संविधान विरोधी है। इसलिए अमित शाह इस्तीफा दें और मोदी जी देष की जनता से माफी मांगे। उन्होंने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर ने के संविधान में कहा गया है कि इस देश में सभी नागरिकों को खाने, रहने, स्वतंत्रता से जीने का समान अधिकार है, उसमें भी भाजपा प्रष्न चिन्ह लगाती है। कांग्रेस पार्टी इसकी घोर निंदा करती है।
कांग्रेस नेताओं ने कहा भाजपा संसद और विधानसभा में मुद्दों से भटकाने का काम करती है। अड़ानी, मणिपुर और संभल जैसे मामलों पर सदन में बहस की मांग को लगातार ठुकरायी जा रही है। डॉ. अंबेडकर के समतामूलक, समानता और न्याय के सिद्धांत पर चलने की सलाह भाजपा को रास नहीं आ रही है। सदन में सत्ता पक्ष ने लगाता विपक्ष की आवाज को दबाने का काम किया है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने डॉ. अंबेडकर जी का अपमान कर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा की मनुवादी मानसिकता को उजागर किया है।
