ग्वालियर का टेलीकॉम क्रांति: 350 एकड़ में बनेगा देश का पहला मैन्युफैक्चरिंग हब
ग्वालियर: मध्य प्रदेश का ग्वालियर जल्द ही भारत के टेलीकॉम सेक्टर का नया केंद्र बनने जा रहा है। हाल ही में घोषणा की गई है कि ग्वालियर में 350 एकड़ के विशाल क्षेत्र में एक अत्याधुनिक टेलीकॉम मैन्युफैक्चरिंग जोन (TMZ) स्थापित किया जाएगा। यह पहल न केवल क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देगी, बल्कि भारत को वैश्विक टेलीकॉम उत्पादन के नक्शे पर मजबूती से स्थापित करेगी।
इस परियोजना के तहत सिम कार्ड, टेलीकॉम चिप्स, वाई-फाई उपकरण, ऑप्टिकल्स, एंटीना, मोबाइल डिवाइस और अन्य मोबाइल एक्सेसरीज का उत्पादन होगा। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल में इस परियोजना की समीक्षा के दौरान बताया कि यह जोन ग्वालियर और जबलपुर जैसे शहरों में टेलीकॉम सेक्टर की अपार संभावनाओं को हकीकत में बदलेगा। यह पहल ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इस मैन्युफैक्चरिंग जोन के लिए बड़े लैंड बैंक की आवश्यकता होगी, जिसके लिए सरकार ने निवेशकों को आकर्षित करने की योजना बनाई है। 27 अप्रैल को इंदौर में आयोजित होने वाले आईटी कॉन्क्लेव में निवेशक अपने प्रस्ताव पेश कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने निवेशकों से कम जमीन में अधिक उत्पादन इकाइयां स्थापित करने का आह्वान किया है, ताकि लागत कम हो और प्रबंधन आसान हो। निवेशकों ने इस प्रस्ताव पर विचार-विमर्श के बाद जल्द निर्णय लेने का आश्वासन दिया है।
यह परियोजना ग्वालियर में रोजगार सृजन, तकनीकी नवाचार और आर्थिक विकास को गति देगी। स्थानीय युवाओं को टेलीकॉम और तकनीकी क्षेत्र में प्रशिक्षण और नौकरियों के अवसर मिलेंगे। साथ ही, यह जोन भारत के टेलीकॉम निर्यात को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
ग्वालियर का यह टेलीकॉम हब न केवल मध्य प्रदेश, बल्कि पूरे देश के लिए एक गौरव का विषय होगा। यह परियोजना भारत को टेलीकॉम मैन्युफैक्चरिंग के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
