अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस 2025: थीम “हमारी नर्सें, हमारा भविष्य”, नर्सों के योगदान को सलाम

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नई दिल्ली, 12 मई 2025: आज पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन नर्सों के अथक समर्पण, सेवा और स्वास्थ्य सेवाओं में उनके अमूल्य योगदान को सम्मान देने का अवसर है। हर साल 12 मई को मनाए जाने वाले इस दिन की शुरुआत 1974 में हुई थी, और इसे मॉडर्न नर्सिंग की जनक फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में चुना गया। फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म 12 मई 1820 को हुआ था, जिन्होंने नर्सिंग को एक सम्मानित पेशे का दर्जा दिलाया।

इस साल 2025 की थीम “हमारी नर्सें, हमारा भविष्य” है। यह थीम नर्सों की भूमिका को न केवल स्वास्थ्य सेवाओं तक सीमित रखने की बजाय, उनके योगदान को समाज और आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण मानती है। नर्सें मरीजों की देखभाल, स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने और आपातकालीन स्थितियों में जान बचाने में अहम भूमिका निभाती हैं। कोविड-19 महामारी जैसे संकटों में नर्सों ने अपनी जान जोखिम में डालकर सेवा की, जिसे दुनिया कभी नहीं भूल सकती।

विभिन्न समाचार पोर्टलों के अनुसार, इस दिन देशभर के अस्पतालों, नर्सिंग कॉलेजों और स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। नर्सों को सम्मानित करने के लिए सेमिनार, वेबिनार और पुरस्कार वितरण समारोह हो रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सेज (ICN) ने भी नर्सों के लिए बेहतर कार्य परिस्थितियों और प्रशिक्षण की वकालत की है।

नर्सिंग पेशे में भारत का भी बड़ा योगदान है। लाखों भारतीय नर्सें देश-विदेश में अपनी सेवाएं दे रही हैं। हालांकि, नर्सों के सामने कम वेतन, लंबे काम के घंटे और मानसिक तनाव जैसी चुनौतियां भी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि नर्सों की भलाई के लिए नीतिगत सुधार और निवेश जरूरी है।

इस अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस पर आइए, हम सभी नर्सों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करें और उनके बेहतर भविष्य के लिए मिलकर काम करें। उनकी मेहनत और समर्पण ही हमारा स्वस्थ कल सुनिश्चित करता है।

 

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