सीहोर में बांग्लादेशी संदिग्ध को कोतवाली पुलिस ने दबोचा, जांच में चौंकाने वाले तथ्य
सीहोर: मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में कोतवाली पुलिस ने एक बड़े मामले का पर्दाफाश करते हुए एक संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिक को हिरासत में लिया है। यह व्यक्ति कई वर्षों से सीहोर में रहकर एक रेस्टोरेंट में काम कर रहा था और स्थानीय लोगों के बीच अपनी पहचान छिपाए हुए था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, पूछताछ में संदिग्ध ने स्वीकार किया कि वह बांग्लादेश का मूल निवासी है और उसने 2020 में फर्जी आधार कार्ड, वोटर कार्ड और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज बनवाए थे। इस खुलासे ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस को सतर्क कर दिया है, और दस्तावेजों की गहन जांच शुरू हो गई है।
सीहोर के मुख्य सुरक्षा पुलिस अधीक्षक (सीएसपी) निरंजन राजपूत ने बताया कि कोतवाली थाना पुलिस इस मामले की तह तक जाने के लिए दिन-रात काम कर रही है। संदिग्ध के पास से प्राप्त दस्तावेजों की प्रामाणिकता की जांच की जा रही है, और यह पता लगाने का प्रयास हो रहा है कि फर्जी दस्तावेज बनाने में कौन-कौन शामिल थे। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, संदिग्ध ने सामान्य जीवनशैली अपनाकर स्थानीय लोगों के बीच संदेह से बचने की कोशिश की थी।
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने इस मामले में गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ग्राम अलाहादा खेड़ी के पूर्व सरपंच और सचिव ने फर्जी दस्तावेज बनवाने में सहयोग किया। विहिप ने इन दोनों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है, जिससे इस मामले ने और तूल पकड़ लिया है। संगठन का कहना है कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है, और इसमें लिप्त सभी लोगों को बख्शा नहीं जाना चाहिए।
यह घटना मध्य प्रदेश में फर्जी दस्तावेजों के जरिए अवैध प्रवासियों की मौजूदगी पर सवाल उठाती है। हाल के महीनों में देश के अन्य हिस्सों, जैसे दिल्ली और रायपुर, में भी ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां बांग्लादेशी नागरिक फर्जी पहचान पत्रों के साथ पकड़े गए। सीहोर पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि क्या यह कोई बड़ा नेटवर्क है, जो अवैध प्रवासियों को दस्तावेज उपलब्ध करा रहा है। इंटेलिजेंट गुरु इस मामले पर निरंतर नजर रखेगा और पाठकों को सटीक जानकारी देता रहेगा।
