- मध्य प्रदेश का हरित भविष्य, रिन्यूएबल एनर्जी में बड़ा कदम
मध्य प्रदेश सरकार ने अपनी रिन्यूएबल एनर्जी पॉलिसी 2025 के तहत पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास को नई दिशा दी है। सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक राज्य की 50% बिजली हरित ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त हो। इसके लिए सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
हाल ही में नीमच और छिंदवाड़ा में दो बड़े सौर ऊर्जा संयंत्रों का उद्घाटन किया गया, जो प्रति वर्ष 500 मेगावाट बिजली का उत्पादन करेंगे। सरकार ने 2027 तक 50,000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है, जिससे हजारों नौकरियां पैदा होंगी।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि यह नीति मध्य प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी। नीमच के किसान गोपाल सिंह ने बताया कि सौर ऊर्जा संयंत्रों के लिए उनकी जमीन किराए पर ली गई है, जिससे उनकी आय बढ़ी है। सोशल मीडिया पर इस खबर को लेकर उत्साह है।
पर एक यूजर ने लिखा, “मध्य प्रदेश हरित ऊर्जा का हब बन रहा है। यह भविष्य की दिशा में बड़ा कदम है!” सरकार ने छोटे स्तर पर सौर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी और ऋण योजनाएं शुरू की हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम मध्य प्रदेश को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करेगा,
यह नीति जलवायु परिवर्तन से निपटने में भी मदद करेगी। मध्य प्रदेश का यह प्रयास सतत विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। यह न केवल पर्यावरण को बचाएगा, बल्कि आर्थिक विकास को भी गति देगा। स्थानीय लोगों के लिए यह गर्व की बात है कि उनका राज्य हरित भविष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
