- प्रधानमंत्री मोदी ने नीति आयोग में अर्थशास्त्रियों के साथ बजट पूर्व चर्चा की।
- इस बैठक में विकास, रोजगार और वैश्विक अनिश्चितताओं से निपटने पर मंथन हुआ।
नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नीति आयोग में अर्थशास्त्रियों और प्रमुख विचारकों के साथ आगामी केंद्रीय बजट 2025-26 की तैयारियों पर विस्तृत चर्चा की। इस बैठक का विषय था “वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत की विकास गति बनाए रखना”।
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के दौरान अर्थशास्त्रियों के विचारों की सराहना की और कहा कि भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए मानसिकता में मौलिक बदलाव की आवश्यकता है। उन्होंने भारत के विकास के लिए सामूहिक दृष्टिकोण की महत्ता को रेखांकित किया।
इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। वित्त मंत्री सीतारमण 1 फरवरी को संसद में 2025-26 का बजट पेश करेंगी। बजट से पहले इस चर्चा को अर्थव्यवस्था और विकास के प्रमुख पहलुओं पर मंथन करने का एक अहम अवसर माना जा रहा है।
बैठक में भाग लेने वाले प्रमुख विशेषज्ञों ने वैश्विक आर्थिक संकट और भू-राजनीतिक तनावों से निपटने के लिए सुझाव दिए। रोजगार सृजन, विशेष रूप से युवाओं के लिए स्थायी नौकरी के अवसर पैदा करने, कृषि उत्पादकता में सुधार, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों का विस्तार, और बुनियादी ढांचे के विकास में निजी निवेश आकर्षित करने पर भी विचार किए गए। साथ ही, शिक्षा और रोजगार के बीच की खाई को पाटने के उपायों पर भी चर्चा हुई।
इस बैठक में डॉ. सुरजीत एस भल्ला, डॉ. अशोक गुलाटी, डॉ. सुदीप्तो मुंडले, धर्मकीर्ति जोशी, जनमेज्य सिन्हा, मदन सबनवीस, प्रो. अमिता बत्रा, रिदम देसाई, प्रो. चेतन घाटे, प्रो. भरत रामास्वामी, और डॉ. सौम्या कांति घोष जैसे दिग्गज अर्थशास्त्री और विशेषज्ञ शामिल हुए।
वित्त मंत्रालय की पूरी टीम भी इस महत्वपूर्ण चर्चा का हिस्सा रही, जिससे सरकार को आगामी बजट तैयार करने में अहम दिशा-निर्देश प्राप्त होंगे।
