- सिंगरौली पुलिस की दोहरी पहल: नए कानूनों की ट्रेनिंग और तनावमुक्त जीवन की रा
सिंगरौली: मध्य प्रदेश: सिंगरौली पुलिस इन दिनों कमाल का काम कर रही है। एक तरफ नए अपराधिक कानूनों (BNS, BNSS, BSA) को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए पुलिस अधीक्षक कार्यालय में 7 अप्रैल 2025 से तीन दिन का खास प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा है, तो दूसरी तरफ पुलिस वालों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हार्टफुलनेस ध्यान सत्र भी आयोजित किए जा रहे हैं।
इस ट्रेनिंग का मकसद है कि पुलिस वाले नए कानूनों को अच्छे से समझें और अपराधों की जांच-पड़ताल को तेज और सटीक बनाएं। कुल 417 अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षित करना है, जिसमें से अब तक दो हफ्तों में 187 लोग ट्रेनिंग ले चुके हैं। ये सिलसिला अभी भी जोर-शोर से चल रहा है। ट्रेनिंग में कई जरूरी चीजें सिखाई जा रही हैं, जैसे- अपराध स्थल की जांच, FSL नियम, क्राइम सीन का वैज्ञानिक विश्लेषण, यौन अपराधों के लिए ITSSO सिस्टम, गिरफ्तारी और कस्टडी की प्रक्रिया, ई-एफआईआर, जीरो एफआईआर और BNSS की धारा 173 से जुड़ी जानकारी। इसके अलावा, ई-साक्ष्य ऐप, सीसीटीएनएस, एनसीआरबी पोर्टल, समन-वारंट और ई-रक्षक जैसे डिजिटल टूल्स चलाने की बारीकियां भी बताई जा रही हैं। पुलिस मुख्यालय भोपाल के वीडियो और लघु फिल्मों के जरिए नए कानूनों को और आसान तरीके से समझाया जा रहा है।
वहीं, पुलिस वालों का तनाव कम करने और उनकी जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए हार्टफुलनेस ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। हार्टफुलनेस ट्रेनर्स श्रीमती नागा रेवाथी, सच्चिदानंद सिंह और जय भगवान मित्तल ने इन सत्रों को लीड किया। पुलिस वालों ने इसमें जमकर हिस्सा लिया और तनाव प्रबंधन, दिमागी शांति और काम-जिंदगी के बैलेंस के गुर सीखे। इस सत्र ने उनकी एकाग्रता और काम करने की क्षमता को भी बढ़ाया।
सिंगरौली पुलिस की ये दोहरी पहल न सिर्फ कानून को और मजबूत करने में मदद करेगी, बल्कि पुलिस वालों को तनावमुक्त और स्वस्थ जिंदगी जीने का रास्ता भी दिखाएगी। ये कदम वाकई तारीफ के काबिल है।
