दूदू जिले में राष्ट्रीय आजीविका मिशन योजना के तहत महिलाएं बन रही आत्मनिर्भर

  • दूदू राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत दूदू जिले के गांवों में महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं।

राजस्थान. दूदू जिले के गांवों में महिलाएं गोबर व सिलाई ट्रेनिंग, सहित विभिन्न तरह के उत्पाद तैयार कर रही है जिनकी डिमांड भी देश भर में है ऐसे में महिलाएं आत्मनिर्भर बनकर परिवार के लिए अतिरिक्त आमदनी जुटा रही हैं।सामान्य तौर पर देखा जाता है कि गाय का गोबर खेतों में खाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता है लेकिन दूदू जिले की कुछ महिलाओं ने गाय के गोबर को आत्मनिर्भर बनने का माध्यम बना लिया है.

वही सामाजिक संस्था की मदद से कुछ ग्रामीण जरूरतमंद महिला सहायता समूहों द्वारा गोबर से कई उत्पाद तैयार कर रही हैं. खास बात ये है कि गाय के गोबर से निर्मित उत्पादों की जहां जबरदस्त डिमांड आ रही है, वहीं इन उत्पादों से पर्यावरण सुरक्षा में भी योगदान मिल रहा है. साथ ही इन उत्पादों को आनलाइन माध्यम से भी बिक्री कर मुनाफा अर्जित किया जा रहा है वही राजीविका द्वारा आयोजित विभिन्न राजीविका मेलो में भी स्टाले लगाकर इन उत्पादों की बिक्री की जा रही है

यहां काम करने वाली महिलाओं ने बताया कि घर के कामकाज के बाद यहां आकर गोबर से निर्मित कई बहुउपयोगी उत्पाद बनाती है साथ ही सिलाई प्रशिक्षण, पापड़ मंगोडी मसाले जैसे कुटीर लघु उद्योगों का प्रशिक्षण भी ले रही है। जिससे उनको मिलने वाली राशि से घर परिवार का लालन पालन कर रही है ऐसे में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।

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